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पंचायत सीजन – 4 निकाला ऐसा किसी ने सोचा नहीं था जैसा, क्या आपने देखी यह वेब सीरीज, आखिरी एपिसोड में क्या हुआ। पंचायत सीजन 5 की पृष्ठभूमि भी तैयार कर गई।

On: June 29, 2025 2:21 PM
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पंचायत सीजन 4 अमेजॉन प्राइम पर रिलीज हो चुकी है। पंचायत वेब सीरीज, अपने पहले एपिसोड से, लोकप्रिय वेब सीरीज बनी हुई है। तीसरा एपिसोड के खत्म होते-होते, इसके सस्पेंस बन गए थे, बाहुबली ने कटप्पा को क्यों मारा सरीखे, माने वेब सीरीजिया वर्ल्ड में, सवाल चल पड़ा था, प्रधान जी को गोली किसने मारी।

पंचायत सीजन 4 में कुछ नए किरदारों की एंट्री हुई है, बताते चलें, जितेंद्र कुमार ने, सचिव जी अभिषेक त्रिपाठी नीना गुप्ता ने मंजू देवी महिला प्रधान जी, रघुवीर यादव ने बृजभूषण यादव प्रधान जी के किरदार को दोहराया है। सपोर्टिंग कास्ट में, फैसल मलिक, चंदन राय, तृप्ति साहू, सांविका, दुर्गेश कुमार, अशोक पाठक सुनीता राजवार, बल्लू कुमार, पंकज झा,सभी अपने फेमस किरदारों में फिर से लौटे हैं।

पंचायत सीजन 3 में क्या हुआ था करते हैं, क्विक रीकैप

सीजन 3 की शुरुआत, सचिव जी के शहर को दिखाते हुए हुई थी। जहां सचिव जी, अपने दोस्त से बाते करते हुए कैट एग्जाम की, तैयारी करने की बातें करते हैं। मगर उसका मन अभी भी फुलेरा में ही अटका हुआ होता है। उधर गांव में नए सचिव की एंट्री होती है जिसे विधायक जी ने भेजा होता है, मगर विकास और प्रधान जी उसे कोई भाव नहीं देते, और उसका फोन काट देते हैं। क्योंकि वह नहीं चाहते कि नए सचिव की जॉइनिंग हो, क्योंकि एक बार नये सचिव आ गए तो फिर अभिषेक त्रिपाठी की वापसी के रास्ते बंद हो जाएंगे। बहरहाल काफी नाटकिय घटनाक्रमों के बाद नये सचिव की ज्वानिंग रुक जाती हैं। क्योंकि विधायक जी अपने पद से, बर्खास्त हो जाते हैं।

अभिषेक त्रिपाठी की गांव में वापसी हो जाती हैं। अभिषेक त्रिपाठी और रिंकी की लव स्टोरी धीरे -धीरे आगे बढ़ रही होती है। एक दिन गांव की एक बूढ़ी अम्मा पंचायत आफिस आती हैं, और कहती हैं, उन्हें पी एम आवास दें दिया जाय, क्यूंकि उनके पोते और बहु ने, उसे घर से निकाल दिया है। जो की झूठ होता है, फिर भी अम्मा का नाम पीएम आवास की लिस्ट में डाल दिया जाता है, क्योंकि उनके पोते ने, मंजू देवी और प्रधान जी को, खराब सड़क के कारण बाइक पर गिरते हुए देख लिया था। इसलिए प्रधान जी को मजबूरन ऐसा करना पड़ता है। ऐसे में उपप्रधान प्रहलाद पांडे जो अपने शहीद बेटे के गम में डूबे होते हैं, प्रहलाद पांडे बूढ़ी अम्मा को अपने घर लेट हैं , और उन्हें समझाते है, अम्मा मान जाती है और पी एम आवास की लिस्ट से अपना नाम वापस ले लेती हैं

पीएम आवास की लिस्ट में, 12 लोगों के नाम होते हैं, भूषण उसे भी, राजनीति का मुद्दा बना देता है। अम्मा का छोड़ा हुआ पीएम आवास भी, फुलेरा पश्चिम के लोगों को मिल जाता है। भूषण यहां भी गांव के लोगों को, फुलेरा पुरब और फुलेरा पश्चिम मैं भेदभाव बता कर गांव के लोगों को प्रधान जी के खिलाफ भड़काता है। गांव की पंचायत ऑफिस में मीटिंग होती है, तो वहाँ गाँव की गांव की खराब सड़क का मुद्दा उठाया जाता हैं, प्रधान जी कहते हैं सड़क नहीं बन सकती क्योंकि विधायक को जेल हो गई हैं। भूषण गांव वालों को, विधायक से शांति समझौता करने का सुझाव देते हैं। प्रधान जी इसको सुनकर, भूषण की और बेज्जती करते हैं। जिससे भूषण गुस्से से आग बबूला हो जाता हैं और प्रधान जी से उसकी दुश्मनी और गहरी हो जाती है।

दूसरे दिन भूषण विधायक से मिलने जाता हैं और, प्रधान के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात करता है, विधायक भूषण को फुल सपोर्ट करने का आश्वासन देता हैं

रात को जब प्रधान जी अभिषेक विकास और प्रहलाद, मिलते हैं। तो प्रहलाद इस बार चुनाव नहीं लडूंगा कहता हैं, और कहता है उसे सरकार से जो 50 लाख मिले हैं उन पैसों से वहां गांव की सड़क बनवा देगा। अभिषेक उनको रोकते हुए कहता है, सरकार ने वह पैसे आपको दिए हैं। जिंदगी काफी लंबी है, आपको खुद के लिए पैसों की जरूरत पड़ेगी, प्रहलाद पांडे के चुनाव नहीं लड़ने की बात जब भूषण को पता चलती है। तो वह अगले दिन पंचायत ऑफिस आता हैं, और कहता है, वह आगे आ कर, गांव वालों की विधायक जी से शांति समझौता करवाएगा। मंजू देवी भी मान जाती है

विधायक जी जब गांव आते हैं, तो भूषण उनका जोरदार स्वागत करता है। विधायक जी भी भूषण की खूब तारीफ करते हैं, और प्रधान जी को कोई भाव नहीं देते, और खाना भी विनोद के यहां खाते हैं। विधायक जी गाँव में सड़क बनवाने का वादा करते हैं, और शांति समझौते के तहत कबूतर उड़ाते हैं। मगर उस कबूतर की वहीं पर मौत हो जाती है। कबूतर वाला विधायक को खूनी कह देता है, तो विधायक नाराज होकर गांव से चला जाता है। भूषण का शांति समझौता करा कर वाह वाही लूटने का प्लान चौपट हो जाता है।

कबूतर की मौत की खबर सुनकर, कुछ न्यूज़ वाले गांव आते हैं और कबूतर वाला, बम बहादुर का इंटरव्यू लेते हैं। जैसे ही यह न्यूज़ में आता है, विधायक जी भड़क जाते हैं। विधायक भूषण से कहता है, बम बहादुर उसी चैनल पर आकर, मुझसे माफी मांगे

बम बहादुर को प्रधान की सलाह देते हैं, वह कुछ दिन पंचायत ऑफिस में ही रहे, पंचायत सहायक विकास के बाप बनने की खुशी में, पार्टी रखी जाती है, बम बहादुर वहां, विधायक के धमकी के जवाब में न्यूज़ वालों को एक और स्टेटमेंट देता है। कई दिन बीत जाते हैं, बम बहादुर के ऊपर कोई हमला नहीं होता।

एक दिन विधायक कुछ गुंडो को अपने घर पर बुलाते हैं, और बम बहादुर के हाथ पैर तोड़ने का सुपारी देते हैं,गुंडे बम बहादुर को मारने जाते हैं बम बहादुर उनसे बचकर भाग जाता है। पंचायत ऑफिस में गांव वालों की मीटिंग होती है, विधायक को नीचा दिखाने के लिए, हम लोग उसका घोड़ा खरीद लेंगे ऐसा तय किया जाता है।

रवीना और उसका पति जाकर विधायक का घोड़ा खरीद लेते हैं। विधायक को जब यह बात पता चलती है कि उसका घोड़ा, फुलेरा के गांव वालों ने खरीदी है तो, वह गांव वालों को धमकी देता है कि गांव वाले उसका घोड़ा वापस करते हैं दें, विधायक अपने आदमियों को लेकर गांव के ऊपर हमला करने निकलता है, तो भूषण उसे रास्ते में रोकता है, विधायक कहता है, गांव वाले उसका घोड़ा दो घंटे में वापस कर दें। इस बात को जब भूषण गांव वालों को बताता है तो गांव वाले भूषण के खिलाफ हो जाते हैं, और सब मिलकर विधायक से लड़ने के लिए तैयार होते हैं। डीएम साहब बी डी ओ को इस झगड़े पर मध्यस्थता करने के लिए भेजते हैं, पर दोनों पक्ष अपनी जिद में अड़े रहते हैं। विधायक गांव वालों पर गन तान देते हैं, तब विधायक को, सांसद का फोन आ जाता है। विधायक हवा में गन चला कर गांव से चला जाता है।

सचिव जी अपना एग्जाम दिलाने शहर जाते हैं, सचिव जी को छोड़ने प्रधान जी प्रहलाद और विकास आए हुए होते हैं तभी उनके ऊपर हमला हो जाता है। और प्रधान जी को कंधे पर गोली लग जाती हैं। सचिव जी रात को अस्पताल में प्रधान जी से मिलने आते हैं, तो वहां विधायक और भूषण भी अपने आदमियों के साथ पहुंच जाते हैं। अस्पताल के बाहर है सचिव जी विधायक को रोक लेते हैं, विधायक कहता है कि उसने प्रधान के ऊपर गोली नहीं चलवाई है। इसी बहस के बीच उनका झगड़ा और बढ़ जाता है, और दोनों पक्षों के बीच लड़ाई हो जाती है, सभी लोगों को पुलिस पकड़कर थाने जाती हैं। और उधर चुनाव तिथि की घोषणा हो जाती है। और इस तरह सीजन 3 खत्म होता है।

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सीजन 4 की खास बातें

यहां पंचायत सीरीज के मेकरों ने, असल जीवन को पर्दे पर उतारा है, पूरा सीजन चुनाव के इर्द-गिर्द बुना गया है। चुनाव परिणाम का दिन काफी गहमा गहमी भरा होता है, विधायक अपने घोड़े को याद करके दुखी होता है। चुनाव बड़ा उलट फेर होता है मंजू देवी चुनाव हार गई है, भूषण की पत्नी बन चुकी है गांव की नई प्रधान, एक ओर जश्न मनाया जा रहा है तो एक ओर गम का माहौल है। रिंकी भी काफी दुखी है, क्योंकि उसे मालूम है कि, सचिव जी अब गांव छोड़कर जाने वाले हैं,

पंचायत सीरीज में, राजनीति का स्केल भी अब बढ़ रहा है। पहले विधायक, और अब सांसद की भी एंट्री हो गई है। इस हार से प्रधान जी दुखी जरूर हैं पर टूटे नहीं हैं। आने वाले सीजन में, विधायकी का चुनाव लड़ा जाएगा, और हो सकता है। प्रहलाद पांडे बने विधायक कैंडिडेट कुछ ऐसा हिंट दर्शकों को देखने को मिलता है

सीजन 5 की तैयारी अभी से शुरू हो गई है, अगले साल तक पंचायत सीजन 5 भी दर्शकों को देखने को मिलेगा l

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